Bullet Bike Rules: अगर बुलेट बाइक चलाते है तो हो जाइये सावधान! हो सकती है 6 महीने की जेल
Bullet Bike: अब बुलेट या किसी अन्य बाइक के साइलेंसर को कटवा या मॉडिफाई कर उससे कानफोड़ू शोर पैदा करते हैं या उससे पटाके मारते हैं तो ऐसे सभी लोगों के खिलाफ पंजाब पुलिस कार्रवाई करेगी। इसके तहत बाइक जब्त होने से लेकर धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। 6 महीने तक सजा और 1000 रुपए तक जुर्माना हो सकता है। आइये जानते है पूरी खबर विस्तार से...

Bullet Bike: अब बुलेट या किसी अन्य बाइक के साइलेंसर को कटवा या मॉडिफाई कर उससे कानफोड़ू शोर पैदा करते हैं या उससे पटाके मारते हैं तो ऐसे सभी लोगों के खिलाफ पंजाब पुलिस कार्रवाई करेगी। इसके तहत बाइक जब्त होने से लेकर धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। 6 महीने तक सजा और 1000 रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
कार्रवाई के बाद भी पटाखे मारे तो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट मानते हुए कोर्ट तय करेगी कि आरोपी को कया सजा देना है। पंजाब पुलिस के एडिशनल डीजीपी, ट्रैफिक ने एक पत्र पंजाब भर के पुलिस कमिश्नर्स और सभी जिलों के एसएसपी को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं। इस पत्र में कहा गया है कि सभी ट्रैफिक अधिकारी और ट्रैफिक इंचार्ज को निर्देश दे कि वे इन आदेशों को पूरी तरह से और सख्ती से लागू करें।
बता दें कि पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के अनुसार, बाइक और स्कूटर्स के लिए अधिकतम साउंड सीमा 80 डेसिबल है। फैक्ट्री मॉडल के स्टॉक साइलेंसर में 3 फिल्टर होते हैं जो कम आवाज करते हैं। मॉडिफाइड साइलेंसर से कम से कम 120 डेसिबल की आवाज निकलती है।
बाइक्स में साइलेंसर बदलने से आवाज कई गुना तेज हो जाती है। सजा के साथ 1000 रुपए जुर्माना भी हो सकता है, कार्रवाई के बाद भी पटाखे मारे तो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट मानते हुए कोर्ट तय करेगी क्या सजा देनी है...2016 में हाईकोर्ट में बाइक पर पटाखे वाला साइलेंसर लगाने वालों पर कार्रवाई के लिए याचिका दायर की गई थी
जिस पर साल 2019 में हाईकोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस को आदेश जारी किए थे। इन आदेशों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है।
2019 में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी पंजाब में खुलेआम पटाखे बजाते हुए बुलेट देखे जा सकते हैं। पुलिस अभी कार्रवाई के नाम पर 1000 रुपए तक का चालान होता था।
इसके अलावा मोटर साइकिल में कंपनी से फिट होकर आने वाले साइलेंसर उतारने वाले या
उनमें किसी तरह का कोई बदलाव करने वाले मैकेनिक और वर्कशॉप ओनर्स पर भी आईपीसी की धारा 188 के तहत ही कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
अगर वे साइलेंसर को मॉडिफाई भी करते हैं तो उनके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई होगी।
साइलेंसर मॉडिफिकेशन के जरिए पैदा होने वाले शोर को कोर्ट ने दूसरों की आजादी में खलल करार दिया है।
अदालत ने सरकार से कहा था कि ऐसी बाइक चालकों पर एक्शन ले।
फैक्ट्री मॉडल में बदलाव गैरकानूनी है। साइलेंसर मॉडिफाइड के लिए कैटलिटिक कनवर्टर हटाते हैं।
जबकि यही एक्जॉस्ट गैसों को फिल्टर करता है।
निर्देशों के अनुसार, जिस भी बाइक में एजेंसी फिटेड साइलेंसर नहीं होगा, आवाज अधिक हाे रही हो
या पटाके मारता हो तो उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करें।
दोबारा पकड़ा जाए तो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट लगाई जाए और रेफरेंस बना कर कोर्ट भेजें। कोर्ट सजा अधिक भी बढ़ा सकती है।