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एमपीसी के तहत उठाए गए कदमों का असर अब भी जारी! रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि, जानिए पूरी खबर

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एमपीसी के तहत उठाए गए कदमों का असर अब भी जारी! रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि, जानिए पूरी खबर

Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी (MPC) की बैठक में बताया कि पिछले एक साल में मौद्रिक नीति के संबंध में उठाए गए कदम का अभी भी प्रभाव है और उसे ध्यान में रखना आवश्यक है। दास ने एमपीसी (MPC) के पांच अन्य सदस्यों के साथ रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही रखने का फैसला किया। केंद्रीय बैंक ने महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि
पहले आरबीआई (RBI) ने महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल मई से शुरू होकर कुल छह बार में रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। बैठक के बयान के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन से छह अप्रैल को हुई बैठक में दास ने कहा, "पिछले एक साल में मौद्रिक नीति के संबंध में लिए गए कदमों का अभी भी प्रभाव जारी है और उन पर नज़र रखने की आवश्यकता है।"

महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी
वे बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में महंगाई दर में कमी की उम्मीद है, लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अवधि लंबी भी हो सकती है। 2023-24 की चौथी तिमाही में महंगाई दर को 5.2 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है, जो अभी भी लक्ष्य से अधिक है। आरबीआई को महंगाई दर को दो प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

रेपो रेट बरकरार रखने पर सोचकर कदम उठाया गया
दास ने कहा, ‘इसलिए इस समय हमारा जोर महंगाई दर को टिकाऊ रूप से कम करने पर है. दूसरी तरफ हमने जो पहले से कदम उठाये हैं, उसके प्रभाव को देखने के लिए स्वयं को कुछ समय देने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मेरा मानना है कि हमने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को बरकरार रखने को लेकर सोच-विचार कर कदम उठाया गया है.’

माइकल देबब्रत पात्रा, एक एमपीसी के सदस्य और आरबीआई (RBI) के डिप्टी गवर्नर ने बताया कि मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे और असमान हो सकती है. लेकिन मौद्रिक नीति के लक्ष्य को अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव कम करते हुए इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है. मुद्रास्फीति में मार्च माह में खुदरा महंगाई दर 15 महीनों के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई है, इससे स्पष्ट होता है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य दायरे में है।