Janta Time

जलशक्ति मंत्रालय की पहली जलस्रोत गणना, जानिए कोनसे राज्‍य में मिले सबसे ज्‍यादा तालाब?

 | 
first Waterbody census, Ministry of Jal Shakti, west bengal has maximum number of ponds, karnataka has first water budget, Ponds, Water Budget, Water Crisis, Drinking Water, Water Recharge, ground water

First Waterbody Census: गर्मियों के मौसम की दस्‍तक के साथ ही अगर सबको सबसे ज्‍यादा किसी की जरूरत महसूस होती है तो वो पानी है. हर साल गर्मियों में देश के कई राज्‍यों में पानी की किल्‍लत शुरू हो जाती है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने पहली बार देशभर में जलस्रोतों की गणना का काम पूरा कर लिया है. इस गणना के बाद पता चला कि देशभर में कुल 24 लाख 24 हजार 250 जलस्रोत मौजूद हैं. इनमें से 97 फीसदी जलस्रोत ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं. वहीं, 3 फीसदी से भी कम जलस्रोत शहरी इलाकों में पाए गए हैं.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की गणना में प्राकृतिक, इंसानों के बनाए गए समेत तालाब, जलाशय, झील सभी तरह के जलस्रोतों को शामिल किया गया था. इसमें पाया गया कि देश में महज 22 फीसदी जलस्रोत ही प्राकृतिक हैं. बाकी 78 फीसदी यानी 18 लाख 90 हजार 460 जलस्रोतों को इंसानों ने बनाया है. देश में पाए गए कुल जलस्रोतों में आधे से ज्‍यादा पर निजी संस्‍थानों का कब्‍जा है. वहीं, 44.80 फीसदी जलस्रोत ही सार्वजनिक संपत्ति के तौर पर चिह्नित हुए. इनमें भी सबसे ज्‍यादा सार्वजनिक जलस्रोत पंचायतों के अधीन आते हैं.

किसके पास कितने निजी जलस्रोत
पंचायतों के बाद सार्वजनिक जलस्रोतों पर सबसे ज्‍यादा मालिकाना अधिकार राज्‍य सरकारों का है. प्राइवेट वॉटरबॉडीज में सबसे ज्‍यादा जलस्रोतों पर किसी एक व्‍यक्ति या किसी एक किसान का अधिकार है. फिर कुछ संगठनों के पास भी निजी जलस्रोत पाए गए हैं. गणना में निजी संस्‍थाओं के कब्‍जे में भी कुछ निजी जलस्रोत होने की जानकारी हासिल हुई है. केंद्र सरकार की इस गणना में पाया गया है कि कुल 59.50 फीसदी जलस्रोत तालाब के तौर पर हैं. वहीं, देशभर में सिर्फ 12.1 फीसदी जलाशय मिले हैं.

देश में एक फीसदी से कम हैं झीलें
देश में झीलों की तादाद कुल जलस्रोतों की एक फीसदी से भी कम है. गणना में पाया गया है कि देशभर में वॉटर टैंक्‍स की हिस्‍सेदारी कुल जलस्रोतों की महज 15.7 फीसदी ही है. वहीं, जल संरक्षण परियोजनाओं के तहत बनाए गए चैक डैम, वॉटर बॉडीज और परकोलेशन टैंक की हिस्‍सेदारी 9.3 फीसदी ही है. दूसरे तहत के जलस्रोतों की तादाद ढाई फीसदी ही है.

7 राज्‍यों में एक लाख से ज्‍यादा जलस्रोत
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की पहली जलस्रोत गणना में पाया गया कि देश के सिर्फ 7 राज्‍य ऐसे हैं, जिनमें एक लाख से ज्‍यादा जलस्रोत हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, उत्‍तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडशा, असम, तमिलनाडु और झारखंड शामिल हैं. वहीं, केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ व दिल्‍ली और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जलस्रोतों की संख्‍या के मामले में सबसे नीचे हैं.

किस राज्‍य में पाए गए हैं कितने जलस्रोत
जलस्रोतों की संख्‍या के मामले में सबसे ऊपर पश्चिम बंगाल का नाम आता है. अकेले पश्चिम बंगाल में करीब साढ़े सात लाख जलस्रोत मौजूद हैं. वहीं, दूसरे पायदान पर खड़े उत्‍तर प्रदेश में महज ढाई लाख वॉटर बॉडीज हैं. बता दें कि उत्‍तर प्रदेश क्षेत्रफल के लिहाज से पश्चिम बंगाल के मुकाबले काफी बड़ा है. अगर किसी एक जिले में सबसे ज्‍यादा जलस्रोतों की बात की जाएग तो यहां भी पश्चिम बंगाल ने बाजी मार ली है. राज्‍य के दक्षिण 24 परगना जिले में कुल साढ़े तीन लाश जलस्रोत मौजूद हैं. ये देश का सबसे ज्‍यादा वॉटर बॉडीज वाला जिला है.

आंध्र प्रदेश ने किस मामले में मारी बाजी
पश्चिम बंगाल अगर तालाबों के मामले में देश में सबसे ऊपर है तो आंध्र प्रदेश ने सबसे ज्‍यादा वॉटर टैंक के मामले में सभी राज्‍यों को पीछे छोड़ दिया है. वहीं, दक्षिण भारतीय राज्‍य तमिलनाडु में देश के किसी भी दूसरे राज्‍य के मुकाबले ज्‍यादा झीलें हैं. जल संरक्षण परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन के मामले में महाराष्‍ट्र ने सभी राज्‍यों को पीछे छोड़ दिया है. यहां जल संरक्षण परियोजनाओं के तहत बनी वॉटर बॉडीज की संख्‍या सभी राज्‍यों के मुकाबले ज्‍यादा है. गणना के दौरान पाया गया कि देश की 1.6 फीसदी वॉटर बॉडीज पर अतिक्रमण कर कब्‍जा कर लिया गया है. इनमें भी 95 फभ्‍सदी से ज्‍यादा अतिक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया है.