Janta Time

किसानों की टेंशन हुई दूर! बारिश से खराब हुई फसल को खरीदेगी यूपी सरकार

 | 
किसानों की टेंशन हुई दूर! बारिश से खराब हुई फसल को खरीदेगी यूपी सरकार

देशभर के कई राज्यों में इन दिनों गेहूं खरीद की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि, उससे पहले बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीदने के लिए सरकार ने विशेष निर्देश जारी किए हैं. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कर्मचारियों के साथ बैठक की. जिसमें गेहूं खरीद के मानकों को शिथिल करने का फैसला लिया गया है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बारिश से खराब हुए गेहूं क्रय में किसानों को हो रहे भुगतान में कोई कटौती नहीं की जाए. किसानों के खाते में समय से राशि का भुगतान किया जाएगा. खरीद के दौरान होने वाले नुकसान का प्रतिपूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जाने का फैसला किया गया.

उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद के लिए विशेष इंतजाम करने का फैसला किया है. ग्राम पंचायतों के सहयोग से गेहूं की खरीद की जाएगी. इसके अलावा गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या भी राज्य में बढ़ाई जाएगी.

बता दें कि इस बार बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल पर काफी बुरा असर पड़ा है. बड़े स्तर पर उपज प्रभावित हुई है. गेहूं की खेती के मामले में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में से एक है. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में 18 प्रतिशत तक   टूटन व सिकुड़न वाले गेहूं को खरीदने का फैसला किया था. पहले सरकार अ 6 फीसदी से ज्यादा टूटे-फूटे और सिकुड़े दानों को नहीं खरीदती है.


प्रदेश में गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रहा है. सरकार के आदेश के मुताबिक 6 प्रतिशत तक दानों के टूटे व सिकुड़े होने पर कोई कटौती नहीं होगी. 6-8 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल और  8-10 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 10.62 रुपये प्रति क्विंटल, 10-12 प्रतिशत पर 15.93 रुपये, 12-14 प्रतिशत पर 21.25 रुपये प्रति क्विंटल, 14-16 प्रतिशत पर 26.56 रुपये प्रति क्विंटल और 16-18 प्रतिशत तक दाने टूटे व सिकुड़े होने पर 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने का फैसला लिया गया था.

इसके अलावा गेहूं के दानों की चमक अगर 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक कम है तो दाम में प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की दर से कटौती करने का फैसला लिया गया था. वहीं, 10 प्रतिशत तक कम चमक वाले गेहूं की कीमतों में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया गया था.