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स्पैम कॉल से मिलेगा छुटकारा, टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने ऐसे किया बंद

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Telecom Regulatory Authority of India

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Telecom Regulatory Authority of India) ने स्पैम कॉल और मैसेजों को रोकने के लिए एक नई नीति लागू की है। इस नीति के अनुसार, सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स (telecom operators)  को  स्पैम कॉल रोकने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम लेने की आवश्यकता होगी। 

यह नीति भारत में मोबाइल यूजर्स के लिए बड़ी सुविधा होगी, क्योंकि स्पैम कॉल और मैसेजों की समस्या इन दिनों बहुत बढ़ रही है। यह स्पैम कॉल और मैसेजों के कई प्रकार होते हैं, जो कि लोगों को परेशान करते हैं और उनके समय का व्यर्थ खपत करते हैं। 

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अब टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेजों को रोकने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए, टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेज फ़िल्टर तकनीक का उपयोग करना होगा। इस तकनीक से कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेजों को रोकने में मदद मिलेगी l

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने ट्राई के निर्देशों का पालन करते हुए ग्राहकों को स्पैम कॉल से बचाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नई व्यवस्था कार्यान्वित होने के बाद स्पैम कॉल नहीं होगी, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने अपने नेटवर्क को टेस्ट किया है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि नई नियमों का पालन कर रहे हैं। 

अगर किसी ग्राहक को अब भी स्पैम कॉल मिलती है, तो यह तकनीकी चूक हो सकती है और उसे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को सूचित करना चाहिए। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर अपने सिस्टम को जांचेंगे और समस्या को ठीक करने की कोशिश करेंगे। यह नई नियम 1 मई 2023 से लागू हो चुका है, इसलिए ग्राहकों को अब स्पैम कॉल से निजात मिलना चाहिए।

टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने कैसे बंद किया स्पैम काॅल ?
ट्राई ने स्पैम कॉल से छुटकारा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं और तीनों टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। इस विषय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग करना बहुत सकारात्मक है और इससे ग्राहकों को अब स्पैम कॉल से छुटकारा मिलेगा। यह एक तकनीकी कदम है जो स्पैम कॉलों को रोकने में मदद करेगा और ग्राहकों को उनसे बचाएगा।


डू नॉट डिस्टर्ब सर्विस का उपयोग स्पैम कॉल और मैसेजों से बचने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका कुछ समय बाद साबित होने से यह स्पैम कॉलों को रोकने में असफल हुई थी. 

अब, नया एआई टूल उपलब्ध होने से, स्पैम कॉल और मैसेजों को रोकने में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। कंपनियों के दावे के अनुसार, नया टूल 90 फीसदी से अधिक स्पैम कॉल और मैसेजों को रोक सकता है, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी गड़बड़ियों की संभावना नहीं खत्म होती है।

कब हुई ट्राई की स्थापना ?
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 1997 में भारत सरकार द्वारा टेलीकॉम सेक्टर में नई नीतियों और रणनीतियों की व्यवस्था करने के लिए स्थापित की गई थी। ट्राई का मुख्यालय नई दिल्ली में है और वर्तमान में डॉ. पीडी वाघेला ट्राई के चेयरमैन हैं। TRAI का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर में नियमन, नीतियों का विकास और टेलीकॉम उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है।