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क्या है टेम्पल जूलरी? क्यों कहते है इसे पॉजिटिव एनर्जी वाली जूलरी

दुल्हन के लिए क्यों खास होती है टेम्पल जूलरी

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टेम्पल जूलरी का पूरा इतिहास

क्यों इसे माना जाता है शुभ

ट्रेडिशनल जूलरी है टेम्पल जूलरी

 

टेम्पल जूलरी को ट्रेडिशनल जूलरी माना जाता है. इस तरह की जूलरी को साउथ इंडियन कल्चर से जोड़कर देखा जाता है। साउथ इंडिया में ज्यादातर ट्रेडिशनल फंक्शन में टेम्पल जूलरी पहनना पसंद किया जाता है। टेम्पल जूलरी Temple Jewelery में  मूर्तियों और मंदिरों की दीवारों व स्तंभों पर दिखने वाली नक्काशी को उकेरा जाता है। धार्मिक प्रतीकों को गोल्डन कलर में और भी ज्यादा शुभ माना जाता है। टेम्पल जूलरी में हार, चूड़ियां, झुमके, अंगूठियां, चोकर नेकलेस और कमरबंध डिजाइन किए जाते हैं। इस जूलरी को टाइम के साथ अपग्रेड करके अब इसमें जूलरी डिजाइनर स्टोन, डायमंड और फिलाग्री वर्क के साथ  अलग-अलग कीमती स्टोन का इस्तेमाल करने लगे हैं।

टेम्पल जूलरी का क्या है इतिहास

कहा जाता है कि टेम्पल जूलरी की उत्पत्ति चोल और पांड्य राजवंशों में हुई थी। शुरुआती सालों में इस तरह के आभूषण दक्षिण भारत में मंदिरों को किए गए कीमती धातु के दान से बनाए जाते थे, और इसे देवताओं और राजघरानों को सजाने के लिए ही किया जाता था। इसके कुछ सालों बाद मंदिर में भजन और नृत्य करने वाले कलाकारों और भक्तों ने इन जूलरी का इस्तेमाल करना शुरू किया। इस जूलरी को बनाने में जौहरी मंदिर की वास्तुकला, इतिहास और देवताओं की सुंदरता से प्रेरणा लेते थे। उस समय में इस आभूषण ऐसे थे, जिसमें नक्काशी उकेरकर धार्मिक प्रतीकों के द्वारा कहानियां भी बताई जाती थीं। समय के साथ, टेम्पल जूलरी को धार्मिक भावना और कार्यक्रमों से जोड़कर देखा जाने लगा। समय के साथ टेम्पल जूलरी हर दक्षिण भारतीय दुल्हन के जूलरी कलेक्शन का प्रतीक और विरासत के रूप में प्रसिद्ध हो गई।

दुल्हन के लिए क्यों खास होती है टेम्पल जूलरी

टेम्पल जूलरी को पॉजिटिव एनर्जी के लिए जाना जाता है। इसे सिर्फ एक जूलरी पीस की तरह ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत की विरासत के रूप में माना जाता है। इसे हर बार जब आप इसे पहनते हैं, तो यह आपके जीवन में एक दिव्य उपस्थिति की भावना का संचार करता है। आज के समय में भी दुल्हनें अपनी जिंदगी के सबसे खास दिन में इस दिव्य ऊर्जा को जोड़ना चाहती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वेडिंग टेम्पल जूलरी में ज्यादातर गोल्ड का ही इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गोल्ड की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि इसकी कीमत हीरे से भी ज्यादा होती है।