शुभ मुहूर्त: मई और जून में 26 मुहूर्त निकले, चारों और होगी शहनाई की गूंज

सुहाना मौसम अब आ गया है और विवाह समारोह में रौनक डबल हो रही है। मंगलवार से शादियों का सीजन तेज हो गया है। इन दो महीनों में सबसे ज्यादा शादियां होती हैं, क्योंकि मई और जून में सबसे ज्यादा 26 मुहूर्त होते हैं।
खरमास और गुरु अस्त होने के कारण पिछले डेढ़ महीनों से मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त नहीं बन रहे थे, लेकिन एक मई को गुरु उदय होने के बाद 2 मई से फिर से शहर में शहनाई की गूंज शुरू हो गई है।
शादी का मुहूर्त 27 जून तक चलेगा, जिसके दौरान शादी-विवाह के काम किए जाएंगे। सुहाने मौसम में विवाह समारोह में बिजली का खर्च कम होता है और मेहमानों की अवभवता भी अधिक होती है। अन्यथा, मई के महीने में गर्मी के तापमान में विवाह समारोह का खर्च बढ़ता है।
बाजारों में रौनक, फसल कटाई के बाद अच्छी खरीदारी की उम्मीद
फसल कटाई के बाद विवाह के सीजन को लेकर लोगों में अच्छी तैयारी होती है। इस बार शादी-विवाह का सीजन शुरू होने से बाजार में रौनक लौटने लगी है। व्यापारियों का कहना है कि ज्वेलरी के अलावा कपड़ा बाजार में ज्यादा उछाल देखने को मिलेगा। बाजारों में व्यापारियों की माने तो इस बार अच्छी खरीदारी की संभावना है।
27 जून के बाद नवंबर में विवाह मुहूर्त फिर हाेंगे शुरू
पंंडित प्रवीण शास्त्री ने बताया कि वैशाख में अक्षय तृतीया के दिन भी लग्न नहीं था, लेकिन यह विशेष दिन होता है तो कुछ विवाह संपन्न हुए थे। वैसे तो 14 अप्रैल को खरमास की समाप्ति हुई थी, लेकिन गुरु अस्त होने के कारण शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्यों पर विराम लगा रहा। मांगलिक कार्य के लिए गुरु उदय होना आवश्यक माना जाता है। इस बार मई में जहां विवाह के शुभ मुहूर्त 2, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29 और 30 तारीख को हैं।
वहीं जून में 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26 और 27 तारीख को शादी-विवाह किया जा सकता है। यानी मई और जून में 26 दिन मंगल कार्यों के शुभ मुहूर्त होंगे। उन्होंने बताया कि 29 जून को भगवान विष्णु का शयन हो जाएगा और मांगलिक कार्यों पर फिर से विराम लग जाएगा। विष्णु भगवान के जागने के बाद नवंबर से विवाह मुहूर्त फिर शुरू होंगे।