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मिट्टी तेल की कीमत में बड़ा उछाल, पेट्रोल-डीजल से भी महंगा हुआ, नहीं खरीद रहे राशन कार्ड धारी

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The price of kerosene is more expensive

यह एक समस्यात्मक लेख है जो केरोसिन ऑयल की बढ़ती कीमतों के बारे में है जो पीडीएस की दुकानों में बेहतरीन उपभोक्ताओं के लिए पहली पसंद था। कई गरीब परिवार अब केरोसिन खरीदने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके लिए यह बहुत महंगा हो गया है। ग्रामीण इलाकों में बिजली की सुविधा उपलब्ध होने से कुछ लोगों को केरोसिन की जरूरत नहीं है।

इस समस्या के चलते, खाद्य विभाग में केरोसिन की मांग कम हो रही है। पिछले माह, कुछ केरोसिन ऑयल का आबंटन अधिक हो गया था, लेकिन उठाव नहीं हुआ। इसलिए इस महीने आबंटन घटाया गया है।

यह समस्या अनेक गरीब लोगों के लिए एक मुश्किल है। यह समस्या समाधान के लिए अधिक उपलब्ध केरोसिन का आबंटन और सब्सिडी की वित्तीय सहायता द्वारा समाधान हो सकता है।

पीडीएस दुकानों में केरोसिन का उठाव नहीं होने से खाद्य विभाग के पास मांग ही नहीं की जा रही है। जिला खाद्य अधिकारी अमृत कुजूर का कहना है कि पिछले माह 420 केएल केरोसिन ऑयल का आबंटन के विरुद्ध कहीं भी उठाव नहीं हो पाया है। 

केरोसिन उपभोक्ताओं की अरूचि को देखकर ही इस महिने आबंटन घटाकर 110 केएल कर दिया है, लेकिन उठाव नहीं होने की समस्या जस की तस बनी हुई है।

पीडीएस की दुकानों में कभी गरीब परिवार के उपभोक्ताओं की पहली पसंद कहलाने वाला केरोसिन ऑयल के भाव में लगातार बेतहाशा वृद्धि के चलते अब इसकी पूछ परख भी नहीं हो रही है। 

पहले केरोसिन लेने के लिए उपभोक्ता खाली डब्बों की कतार लगा कर घंटो तक अपनी बारी आने का इंतजार करते थे, लेकिन अब इसके भाव में वृद्धि हो जाने से पीडीएस दुकानदार केरोसिन उपभोक्ताओं का इंतजार करना पड़ रहा है।

पीडीएस के उपभोक्ताओं का साफ कहना है, कि अब केरोसिन ऑयल के दाम भी डीजल पेट्रोल की तरह काफी अधिक हो गए हैं। इस वजह केरोसिन खरीद कर घर में उजाला करना असहज हो गया है। ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं का कहना है कि अब ज्यादातर गांवों में बिजली की सुविधा उपलब्ध है। 

इस वजह मंहगा केरोसिन से उनका मोह भंग हो गया है। कुकुरभुक्का के पीडीएस दुकानदार सैहुन तिर्की का कहना था कि केरोसिन ऑयल में अब अब प्रतिमाह बढ़ोत्तरी देख कर उपभोक्ता इसे खरीद ही नहीं रहे हैं।

पीडीएस दुकानों में केरोसिन का उठाव नहीं होने से खाद्य विभाग के पास मांग ही नहीं की जा रही है। जिला खाद्य अधिकारी अमृत कुजूर का कहना है कि पिछले माह 420 केएल केरोसिन ऑयल का आबंटन के विरुद्ध कहीं भी उठाव नहीं हो पाया है। 

केरोसिन उपभोक्ताओं की अरूचि को देखकर ही इस महिने आबंटन घटाकर 110 केएल कर दिया है, लेकिन उठाव नहीं होने की समस्या जस की तस बनी हुई है।