संत निरंकारी मिशन ने नव वर्ष पर दिया आध्यात्मिक चेतना का संदेश

नव वर्ष एवं निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में बरनाला रोड पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन एक आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मौजूदा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से स्थानीय संयोजक श्री जसविंदर कुमार जी की ओर से की गई, और उन्हीं की और से प्रवचनो द्वारा सतगुरु का मानव कल्याण का संदेश भी प्रेषित किया गया।
इस आध्यात्मिक सत्संग के दौरान अनेकों गीतकार, कवियों और वक्ता महात्माओं ने अनेकों आध्यात्मिक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए और नव वर्ष पर जीव आत्मां के उद्धार और आध्यात्मिक चेतना का संकल्प भी लिया किया। इस मौके पर नन्हे मुन्ने बच्चों की ओर से विशेष तौर पर गहरी अध्यात्मिक सीख प्रस्तुत की गई और बताया गया कि यह जीवन आत्मा और परमात्मा के साक्षात के लिए मिला है इसलिए इसे व्यर्थ गंवाने की बजाय पूर्ण सतगुरु की शरण में आकर प्रभु परमात्मा का साक्षात्कार कर लेना चाहिए। इस दौरान शहर के भी अनेकों धर्म प्रेमी सज्जन सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे और भक्ति मय कार्यक्रम का आनंद लिया।
इस दौरान मंचासीन प्रचारक महात्मा श्री जसविंदर जी ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के विचार प्रेषित करते हुए बताया कि नए साल में जहां हमें सांसारिक तरक्कियों की तरफ बढ़ना है वही हमें अपनी आत्मा के कल्याण के लिए भी लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और जन्मों से भटकी आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने के लिए हमारे वेदों,ग्रंथों में लिखे अनुसार प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सदगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने हर हाल में सम भाव रहने का संदेश दिया था और हमें खुद से वादा करना चाहिए कि हम भी हर हाल में कृतज्ञता का भाव प्रकट करते रहेंगे। उन्होंने इस दौरान निरंकारी राजमाता जी के जीवन की स्मृतियों को भी याद करते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने सतगुरु के करीब होते हुए अंतिम स्वासों तक अपने जीवन को निभाया है, हमें भी उस जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए ।
सत्संग के उपरांत सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर की सुंदर व्यवस्था भी की गई थी।सभी ने जहां आध्यात्मिक आनंद प्राप्त किया वहीं गुरु का लंगर प्रसाद प्रवान कर शारीरिक सुखों की भी कामना की।