HKRN Conductor Recruitment: हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत 1153 कंडक्टरों की भर्ती जल्द, जानिए पूरी डिटेल्स

HKRN Conductor Recruitment: हरियाणा के परिवहन विभाग में नौकरी करने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत बहुत जल्द 1153 कंडक्टरों की भर्ती होने जा रही है।
जिसके लिए वित्त विभाग के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि रोडवेज कर्मचारी यूनियन इस भर्ती का पुरजोर विरोध कर रही हैं और उनकी मांग है कि रोडवेज में स्थायी कंडक्टरों ही भर्ती की जाए।
अगर भर्ती नहीं होगी तो विभाग घाटे ने चला जाएगा। इसके अलावा रोडवेज का किराया भी बढ़ सकता है।
क्या कहना है परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का
राज्य के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि हरियाणा रोडवेज के बेड़े में अब 5225 बसें हो गई हैं। रोडवेज का बेड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा सरकार ने अपनी परिवहन नीति में बदलाव किया है।
अब हरियाणा रोडवेज के जिस डिपो में परिचालकों की कमी है उस डिपो में दूसरे डिपो से जहां परिचालक ज्यादा हैं तो ले लिए जाएंगे, ताकि चालक और परिचालक बराबर के हों और रोडवेज की बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएं।
इसके साथ-साथ जब हरियाणा कौशल प्रबंधन के जरिए 1153 परिचालकों की भर्ती हो जाएगी तब राज्य में बेड़ा और ज्यादा मजबूत हो जाएगा।
बढ़ सकता है बस का किराया
हरियाणा रोडवेज जहां लोगों को अच्छी सुविधा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है वहीं उसके निकटतम राज्य पंजाब और हिमाचल में रोडवेज बसों का किराया
हरियाणा से ज्यादा है, इसलिए संभावना व्यक्त की जा रही है कि हरियाणा रोडवेज भी किराए में कुछ वृद्धि कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री पहले से कहते आ रहे हैं की रोडवेज विभाग घाटे में चल रहा है मगर जनता की सहूलियत को देखते हुए वह किराया नहीं बढ़ाएंगे मगर अब पड़ौसी राज्य किराया बढ़ा चुके हैं तो हरियाणा में भी मामूली बढ़त के आसार दिखाई दे रहे हैं।
रोडवेज कर्मचारी यूनियनें कर रही भर्ती का विरोध
रोडवेज कर्मचारी नेता अनूप लाठर, संदीप रंगा, सज्जन कंडेला, अमित लोहान, विजेंद्र, राजकुमार रधाना आदि ने मांग कि है कि रोडवेज में स्थायी परिचालकों की भर्ती की जाए। इससे जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो वहीं रोडवेज विभाग को भी इससे फायदा होगा। उन्होंने हरियाणा कौशल रोजगार के तहत भर्ती का भी विरोध किया है।
परिवहन विभाग में है परिचालकों की कमी
कुछ माह पहले तक रोडवेज के बेड़े में बसों की कमी थी। पिछले कई साल से परिवहन विभाग में बसों को शामिल करने के बयान आ रहे थे लेकिन बसें नहीं आ रही थी।
इस साल प्रदेश के लगभग सभी डिपो में 50-50 के करीब बसें शामिल हो चुकी हैं तो वहीं और भी बसें धीरे-धीरे शामिल हो रही हैं। अब डिपो में बसों की कमी तो पूरी हो गई है लेकिन अब परिचालकों की कमी होने लगी है।
डिपो में नार्म के अनुसार कंडक्टर कम पड़ रहे हैं।