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ज्ञानवापी मसले के बीच UP में खुदीई के दौरान निकली 1200 साल पुरानी भगवान विष्णु की मूर्ति

 यूपी में गोरखपुर (UP Gorakhpur) के विकास खंड गोला के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु (Bagwan Vishnu) की 9वीं शताब्दी की अति दुर्लभ मूर्ति (Murti)मिली. मूर्ति देखने के लिए आस-पास के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई. आस-पास के गांव के लोगों ने मूर्ति को लाल कपड़े के आसन पर स्थापित कर सुबह-शाम पूजन-अर्चन शुरू कर दिया

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khudai me mili bhagwan vishnu ki murti

 

यूपी में गोरखपुर (UP Gorakhpur) के विकास खंड गोला के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु (Bagwan Vishnu) की 9वीं शताब्दी की अति दुर्लभ मूर्ति (Murti)मिली. मूर्ति देखने के लिए आस-पास के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई. आस-पास के गांव के लोगों ने मूर्ति को लाल कपड़े के आसन पर स्थापित कर सुबह-शाम पूजन-अर्चन शुरू कर दिया. ग्रामीण मूर्ति निकलने वाली जगह पर ही मंदिर बनाकर मूर्ति स्थापना की मांग कर रहे हैं.

गोरखपुर के गोला क्षेत्र के नीबी दूबे निवासी नेवास मौर्य का आनंदगढ़ उर्फ मुकुंदवार गांव के टोला कोड़ार उर्फ बघोर में डीह की जमीन है. जहां खेती की जाती है. भटनीपार निवासी जय सिंह यादव चार दिन पहले बीते गुरुवार को मजदूरों को लेकर ऊंचे स्थानों की खुदाई कर खेत समतल करा रहे थे. खेत के एक कोने में दो से तीन फीट की खुदाई के दौरान मजदूरों की कुदाल किसी ठोस चीज से टकराई, लेकिन मजदूरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. फिर से कुदाल चलाने पर दोबारा आवाज आई तो खोद कर देखा

vishnu ki murti
गोरखपुर में मिली भगवान विष्णु की मूर्ति

खुदाई के दौरान तकरीबन डेढ़ फीट की मूर्ति लेटी निकली. मजदूरों ने खेत मालिक को जानकारी दी. खेत मालिक ने मूर्ति को साफ किया. यह भगवान विष्णु की अति दुर्लभ और आकर्षक मूर्ति है. इस बात की खबर लगते ही मूर्ति को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी. भटनीपार निवासी जयसिंह यादव ने मूर्ति को गांव के अखाड़ा मैदान पर आसन देकर रख दिया. गांव के लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी. भगवान विष्णु की इस अति दुर्लभ मूर्ति में भगवान विष्णु के विराट रूप के साथ ही माता लक्ष्मी, हनुमान जी, गणेश जी व अन्य देवताओं की भी प्रतिमा है.

प्राचीन टीलों को काटकर बनाया गया है खेत

ग्रामीण जय सिंह यादव, रामलाल यादव, रमेश यादव, वशिष्ठ यादव, मोनू मिश्र आदि का कहना है कि खेत वाले हिस्से में तकरीबन 20 से 30 फीट ऊंचे टीले थे, जिन्हें खोद कर समतल भूमि बना दी गई है. कुछ हिस्से अभी भी बचे हैं, जिनको खोदा जा रहा है. टीलों से बने खेतों से अभी भी प्राचीन ईंट, मटके आदि के टुकड़े निकलते रहते हैं. भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटेक) गोरखपुर चैप्टर के संयोजक ई एमपी कांडोई व सह संयोजक आचिंत्य लोहड़ी ने मूर्ति की फोटो देखने के बाद कहा कि यह मूर्ति अतिप्राचीन, बहुमूल्य व दुर्लभ है. यह 9वीं-10वीं शताब्दी की भगवान विष्णु के विराट रूप की अति दुर्लभ मूर्ति लग रही है,  जो तकरीबन 1200 वर्ष पुरानी है

कुषाण काल की हो सकती है मूर्ति

जिस जगह यह मूर्ति निकली, वहां से 6 किमी पश्चिम में सरयू नदी किनारे स्थित ग्राम सभा नरहन के चडीहार में काशी हिंदू विश्व विद्यालय के प्रोफेसर पुरुषोत्तम सिंह ने खुदाई करवाई थी. इसमें कुषाण काल के पूर्व की सभ्यता मिली थी हो सकता है ये मूर्ति भी कुषाण काल के दौर की हो।