Farmer News: किसानों की आय बढ़ानें के लिए सरकार की बड़ी पहल
Agriculture Newsछ किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाना केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिकता है. इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं भी चलायी जा रही हैं. Uttar Pradesh में भी किसानो की आय बढ़ाने के लिए पंडित दीनदायल किसान समृद्धि परियोजना चलायी जा रही है. इस परियोजना की लागत 603 करोड़ रुपए हैं. इसके साथ ही कृषि विभाग (Agriculture Department) ने राज्य में 2.19 लाख हेक्टेयर गैर उपजाऊ जमीन को खेती के लायक तैयार करने का फैसला किया है. उसमें खेती की जाएगी. इससे राज्य के किसानों की आर्थिक (financial) सेहत में सुधार होगा, साथ ही उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. यह योजना साल 2017-18 में शुरू की गयी थी. इसे फिर से आगे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है.

Agriculture Newsछ किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाना केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिकता है. इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं भी चलायी जा रही हैं. Uttar Pradesh में भी किसानो की आय बढ़ाने के लिए पंडित दीनदायल किसान समृद्धि परियोजना चलायी जा रही है. इस परियोजना की लागत 603 करोड़ रुपए हैं. इसके साथ ही कृषि विभाग (Agriculture Department) ने राज्य में 2.19 लाख हेक्टेयर गैर उपजाऊ जमीन को खेती के लायक तैयार करने का फैसला किया है. उसमें खेती की जाएगी. इससे राज्य के किसानों की आर्थिक (financial) सेहत में सुधार होगा, साथ ही उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. यह योजना साल 2017-18 में शुरू की गयी थी. इसे फिर से आगे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
अधिकारियों के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में न्यूनतम कृषि गतिविधि के साथ-साथ कृषि कर्मचारियों की कमी के कारण यूपी-एनसीआर क्षेत्र को योजना से बाहर रखा गया था. जबकि गौतम बुद्धनगर को छोड़कर उत्तर प्रदेश के शेष 74 जिले योजना के दायरे में आएंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव वाई देवेश चतुर्वेदी के अनुसार, इस पहल से वंचित किसानों और मजदूरों की आय में वृद्धि होगी, साथ ही राज्य के पिछड़े जिलों में रोजगार और जनशक्ति की आवश्यकता भी पैदा होगी. चतुर्वेदी ने कहा कि इस पहल से छोटे और सीमांत किसानों को उनकी भूमि को उपजाऊ बनाने में मदद मिलेगी.
मनरेगा का लिया जाएगा सहारा
योगी प्रशासन ने योजना को मंजूरी दी और 14 जून को एक बैठक के दौरान इसके लिए पैसे का देने का भी एलान किया था. बैठक में ही आकलन के बाद, सरकार ने 1.78 लाख हेक्टेयर बंजर और परती भूमि, साथ ही 41,000 हेक्टेयर निचली और बाढ़ वाली भूमि को खेती के तहत लाने का फैसला लिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विभाग के अनुसार मनरेगा के पैसे से जलजमाव और निचली भूमि की स्थिति को बहाल करने का काम किया जाएगा, जबकि बंजर भूमि को उत्पादक क्षेत्रों में बदलने के लिए राज्य सरकार नकद योगदान देगी.
प्रति हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाने में आएगा इतना खर्च
उत्तर प्रदेश में पांच कृषि संस्थानों को बंजर भूमि पर काम शुरू करने के लिए मॉड्यूल देना शुरू करने का निर्देश दिया गया है. विकसित चैनलों की सहायता के लिए स्थानीय लोगों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिसके माध्यम से अतिरिक्त पानी को दलदली क्षेत्रों में निकाला जाएगा. एजेंसी ने आकलन किया है कि प्रति हेक्टेयर जमीन को उपजाऊ जमीन में बदलने के लिए 25,000 रुपए की लगात आएगी. योजना के तहत खर्च की जाने वाली राशि 602.68 करोड़ रुपए होगी. इसमें से 501.59 करोड़ रुपए की राशि सरकार द्वारा खर्च की जाएगी. जबकि 51.25 करोड़ रुपए का कार्य मनरेगा की योजनाओं द्वारा किया जाएगा. वहीं 40.84 करोड़ रुपए किसानों की तरफ से खर्च किया जाएगा.