राम स्तुति एक भक्तिपूर्ण काव्य है जो भगवान श्रीराम की महिमा और गुणों का वर्णन करता है।
प्राचीन ग्रंथों में वर्णन: राम स्तुति का वर्णन विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों जैसे रामायण, रामचरितमानस, और अन्य पुराणों में मिलता है। ये स्तुतियाँ भगवान राम की स्तुति और उनकी लीलाओं का बखान करती हैं।
प्रसिद्ध रचनाकार: तुलसीदास द्वारा रचित "रामचरितमानस" में श्रीरामचन्द्रकृपाकटकक्ष स्तोत्र एक प्रसिद्ध राम स्तुति है। इसके अतिरिक्त वाल्मीकि रामायण और अन्य भक्त कवियों की रचनाओं में भी राम स्तुतियाँ पाई जाती हैं।
धार्मिक महत्व: राम स्तुति का पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है
शक्तिशाली मंत्र: भगवान राम की महिमा का गुणगान करने वाले राम स्तुति के मंत्र और श्लोक भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने और जीवन में सकारात्मकता लाने में सहायक होते हैं।
भक्तिपूर्ण संगीत: राम स्तुति को अक्सर भक्तिपूर्ण संगीत और भजनों के रूप में गाया जाता है, जो मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में सुनाए जाते हैं। ये भजन भक्तों के मन में भक्ति भाव को जगाते हैं।
विविध रूप: राम स्तुति के विभिन्न रूप हैं, जैसे कि चालीसा, कवच, अष्टक, और शतकम। ये सभी रूप भगवान राम की विभिन्न लीलाओं और गुणों का वर्णन करते हैं।
सांस्कृतिक परंपरा: राम स्तुति भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यह विशेष रूप से रामनवमी, दशहरा, और दीवाली जैसे त्योहारों पर गाई जाती है।
आध्यात्मिक साधना: राम स्तुति का पाठ एक प्रकार की आध्यात्मिक साधना मानी जाती है, जो मन और आत्मा को शुद्ध करती है और भक्त को भगवान राम के निकट लाती है।
लोकप्रियता: राम स्तुति न केवल भारत में बल्कि विदेशों में बसे भारतीय समुदायों में भी अत्यंत लोकप्रिय है। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार होता है।.
शिक्षा और प्रेरणा: राम स्तुति में वर्णित भगवान राम के आदर्श और उनकी शिक्षाएँ भक्तों को धर्म, सत्य, कर्तव्य, और मर्यादा का पालन करने की प्रेरणा देती हैं। यह जीवन को नैतिक और सार्थक बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करती है।