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सूर्य पर दिखा सनस्पॉट , विस्फोट हुआ तो पृथ्वी तक हो सकता है असर, 24 घंटे में दोगुना बढ़ा

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sunspot doubled in 24 hours solar flame probable that can impact earth,

सूर्य हमारी आकाशगंगा का सबसे अहम हिस्सां है। इसी की वजह से पृथ्वीप पर जीवन है। ऐसे में सूर्य में होने वाली घटनाओं पर वैज्ञानिकों की हर पल नजर रहती है। एक्सैपर्ट सूर्य पर दिखाई दे रहे एक विशाल सनस्पॉट' पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। इसका आकार पिछले 24 घंटों में दोगुना हो गया है। बताया जाता है कि सोलर सर्फेस पर मौजूद यह अस्थिर पैच सीधे पृथ्वी की ओर मौजूद है। अगर यह फट जाता है तो सूर्य से पृथ्वीह के रास्तेक में एक सोलर फ्लेयर भड़क सकता है।

आगे बढ़ें, उससे पहले सोलर फ्लेयर को समझ लेना चाहिए। जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्सो से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्सव प्रकाश की गति से अपना सफर तय कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है।

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, इस सोलर फ्लेयर के अभी पृथ्वीि से टकराने की उम्मी्द नहीं है, लेकिन अगर सनस्पॉ ट बढ़ता रहा, तो यह अस्थिर तरीके से व्य वहार कर सकता है। AR3038 नाम के सनस्पॉमट को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा है कि 24 घंटे में इसका साइज काफी बढ़ गया है। बेहद कम समय में इसका आकार दोगुना हो गया है। AR3038 में एक अस्थिर 'बीटा-गामा' मैग्ने।टिक फील्‍ड है, जो इसे M-क्लास का सोलर फ्लेयर बनाता है।

सूर्य से निकलने वाले तूफानों को उनकी तीव्रता के हिसाब से क्लाेसिफाई किया जाता है। इससे वैज्ञानिक तय कर पाते हैं कि सौर तूफान कितना गंभीर है। सबसे कमजोर सौर तूफान- ए-क्लास, बी-क्लास और सी-क्लास में आते हैं। एम-क्लास के तूफान सबसे ताकतवर होते हैं और इनके हमारी पृथ्वी  से टकराने की संभावना बनी रहती है। सनस्पॉट सूर्य में मौजूद एक अंधेरा क्षेत्र है, जो इसके चुंबकत्व के कारण सूर्य पर दिखाई देता है। सनस्पॉ।ट कुछ घंटों से लेकर कुछ महीनों तक रह सकते हैं। सभी सनस्पॉैट सोलर फ्लेयर पैदा नहीं करते, लेकिन जब ऐसा होता है, तब उसका असर पृथ्वीन तक दिखाई दे सकता है। इसके अलावा सूर्य खुद बहुत सारे फ्लेयर अंतरिक्ष में रिलीज कर देता है।

एक्स-क्लास के सोलर फ्लेयर्स का टार्गेट जब पृथ्वीस की तरफ होता है, तो इसकी वजह से सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा बढ़ जाता है। ये विस्फोटट बिजली स्टेशनों और रेडियो सिग्निलों को भी प्रभावित कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि पृथ्वी अपने चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके सोलर फ्लेयर्स के हानिकारक असर से हमारी रक्षा करती है। ये पृथ्वी पर मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।