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हरियाणा में पैसे लेकर सरकारी नौकरी दिलाने का दावा करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश, 32 आरोपी गिरफ्तार

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हरियाणा पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर पैसे ठगने वाले बड़े गिरोह का महेंद्रगढ़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपी पैसे लेकर सरकारी विभाग में फर्जी तरीके से भर्ती करवाते थे। गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मामले में अब तक 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एकेडमियों के संचालक भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने 13 लाख 50 हजार रुपये, 8 तोला सोना और 2 गाड़ियां बरामद की गई हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा 9 बैंक खाते भी सीज करवाए गए हैं।

शिकायतकर्ता धर्मबीर निवासी सुरजनवास ने थाना सदर महेंद्रगढ़ में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया कि उसकी मुलाकात नरेश निवासी सिगडा से 2021 में हुई थी और नरेश सुरजनवास में काफी लोगों के संपर्क में था। नरेश ने शिकायतकर्ता को बताया किया वह पचेरी में यूएसए डिफेंस एकडमी के नाम से कोचिंग सेंटर चला रहा है और हरियाणा पुलिस का गारंटी बैच शुरू करने जा रहा है, जिसकी फीस 3 लाख रुपये है।

शिकायतकर्ता के बेटे ने भी हरियाणा पुलिस का फार्म भर रखा था, जिसके बारे में बात करने पर नरेश ने 3 लाख रुपये एडवांस देने बारे कहा और बताया कि अगर गारंटी बैच में सलेक्शन नहीं हुआ तो केवल हास्टल की 8 हजार प्रति महीना फीस काट कर पैसे वापिस मिल जाएंगे। शिकायतकर्ता ने उसको 3 लाख रुपये दे दिए।

नरेश ने कहा कि 5-7 दिन बाद बेटे को पचेरी हास्टल में भेज देना। शिकायतकर्ता ने लगभग 8-10 दिन बाद नरेश के पास पूछने के लिए फोन किया कि बेटे को कब भेजना है तो इस पर उसने कहा कि आपको नौकरी से मतलब है। 15 लाख दे देना, सारा काम मैं खुद करवा दूंगा और काम नहीं हुआ तो महीने के अंदर पैसे वापस कर दूंगा।

पेपर से पहले नरेश ने शिकायतकर्ता को बताया कि बेटे को पेपर देने मत भेजना, उसकी जगह दूसरा बच्चा पेपर देगा और पेपर से पहले 5 लाख रुपये और देने हैं। पेपर से 2 दिन पहले नरेश शिकायतकर्ता के प्लाट में गया और कहा कि 5 लाख अभी देने हैं। 4 लाख पेपर का रिजल्ट आने पर व बाकी के 3 लाख ज्वाइनिंग पर देने हैं।

शिकायतकर्ता ने उसी दिन 5 लाख रुपये नरेश को विनोद के सामने दिए। पेपर का रिजल्ट आने के बाद बताया कि अब फिजिकल से पहले इनके अंगूठे और फोटो बदलवानी है। फिजिकल से 3 दिन पहले नरेश शिकायतकर्ता के घर पर गया और 4 लाख रुपये ओर देने के लिए कहा और बताया कि बेटे को चंडीगढ़ लेकर जाएगा। वहां पर इनकी फोटो और फिंगर बदलवा देगा।

फिजिकल से 2 दिन पहले शिकायतकर्ता ने नरेश को 4 लाख ओर दे दिए और नरेश शिकायतकर्ता के बेटे को एक टैक्सी नंबर गाडी मे बैठा कर चंडीगढ़ लेकर गया, जिसमें 5-7 बच्चे ओर भी थे। फिजिकल होने के कुछ दिन बाद फिजिकल का रिजल्ट भी आ गया और जब डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन की डेट आई तो नरेश ने शिकायतकर्ता से कहा की बेटे को डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए मत भेजना अभी इनके फिंगर और फोटो चेंज नही हुई हैं। इनका बाद में वह अपने आप करवा देगा, उसकी सारी बात हो रखी है। लेकिन बाद में नरेश ने कुछ भी नहीं करवाया।

जब फाइनल रिजल्ट आया और शिकायतकर्ता बेटे का लिस्ट में नाम नहीं आया तो शिकायतकर्ता ने उससे बात की तो नरेश ने जबाव दिया कि एक महीने में तेरे 12 लाख रुपये वापस कर दूंगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि लगभग 18 महीने हो गए लेकिन नरेश ने केवल 1 लाख पचास हजार रुपये वापस किए हैं और पिछले काफी दिनों से डेट पर डेट दिए जा रहा है।

शिकायतकर्ता के बात करने पर उसने कहा कि किसके पैसे और फालतू बात कि तो उल्टा तेरे बेटे को फंसा दूंगा, तेरे बेटे को कहीं भर्ती होने लायक नहीं छोडूंगा। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इकॉनोमिक सेल की टीम को मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इनके तहत कार्रवाई करते हुए इकॉनोमिक सेल की टीम ने 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 15 अप्रैल को 3 आरोपितों सुरजनवास निवासी विनोद, संजय और बृह्मदत्त को गिरफ्तार किया था, जिनमें से आरोपी विनोद ने उसके गांव के बच्चों के भर्ती के नाम पर पैसे दिलवाए थे।

आरोपी संजय, नरेश के साथ मिलकर भर्ती में दूसरे को जगह पेपर देने बैठा देता था। टीम ने 17 अप्रैल को आरोपी बलवान वासी नया गांव थाना पचेरी को गिरफ्तार किया। आरोपी बलवान नरेश की एकेडमी की देखरेख करता था। पुलिस ने मामले में 19 अप्रैल को मुख्य आरोपी नरेश निवासी सीगड़ा को गिरफ्तार किया।

वर्ष 2008 में आरोपी नेवी सिपाही लगा था, लेकिन 5 दिन में ही नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद वर्ष 2012 में आईटीबीपी में बतौर हेड कांस्टेबल लगा था। वर्ष 2013 में नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद आरोपी वर्ष 2018 तक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाता था। नरेश ने पहले आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू निवासी चिंडालिया के साथ मिलकर शेखावटी डिफेंस एकेडमी सिंघाना में खोली थी।

इनमें रेलवे में भर्ती करवाने के लिए हुए पैसे वापस ना लौटाने पर विवाद हो गया था। इसके बाद आरोपी नरेश ने अपनी यूएसए डिफेंस एकेडमी पचेरी में खोली थी। पूछताछ में पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी अन्य आरोपितों के साथ मिलकर पेपर लीक/हैक करवाकर सेटिंग करके बच्चों के परिजनों से रुपये लेकर भर्ती करवाने का काम करते थे। इससे पहले भी नेवी, एयर फोर्स इत्यादि में रुपये लेकर बच्चे भर्ती करवाए थे। आरोपी भर्ती देखने वालों बच्चों के एडमिट कार्ड में सीटरों के फोटो की मिक्सिंग व एडिटिंग का काम करते थे।

पुलिस ने दिनांक 19 अप्रैल को आरोपित अवधेश निवासी जासावास को गिरफ्तार किया, जिसकी महेंद्रगढ़ में फोटोस्टेट की दुकान है और आरोपी भर्ती देखने वाले बच्चों के एडमिट कार्ड में एडिटिंग करता था। 19 अप्रैल को ही पुलिस ने एक ओर आरोपित जितेंद्र उर्फ जीतू वासी चिंडालिया को गिरफ्तार किया था। आरोपी नरेश के साथ मिलकर फर्जी तरीके से सरकारी भर्तियों में लगवाने का काम करते थे। इकोनॉमिक सेल की टीम ने 20 अप्रैल को आरोपित प्रवीण वासी भालोठ थाना पचेरी को गिरफ्तार किया। आरोपी ने नरेश से 3–4 बच्चों को भर्ती करवाने की बात की थी।

आरोपी राजेश वासी खांदवा थाना पचेरी नौकरी लगने वाले बच्चों को नरेश से मिलवाता था और अपना कमीशन लेता था। मामले में गिरफ्तार आरोपित मनोज वासी भगड़ाना ने मामले में संलिप्त आरोपित को भगाने में मदद की थी। 21 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए आरोपी नरवीर वासी ढाणी बायां वाली नांगल चौधरी और आरोपित राजबीर वासी भिटेड़ा थाना बहरोड़ ने यूएसए डिफेंस एकेडमी में कोचिंग के लिए दाखिला लिया था, लेकिन बाद में नरेश के साथ मिलकर काम करने लगे थे।

मामले में पुलिस द्वारा दिनांक 22 अप्रैल को एक ओर आरोपी योगेश वासी गोदा का बास रघुवीरपुरा थाना सूरजगढ़ को गिरफ्तार किया गया, जो कमीशन लेकर भर्ती होने वाले बच्चों को नरेश से मिलवाता था। पुलिस द्वारा मामले में दिनांक 22 अप्रैल को तीन ओर आरोपी अजय वासी खानपुरा थाना सामोद हाल आबाद निवारण रोड झोटवाड़ा, अमित वासी खानपुरा थाना सामोद हाल आबाद निवारण रोड झोटवाड़ा और सुरेश वासी गुजरवास थाना सिंघाना को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी अजय और अमित ने जयपुर में कैम्ब्रिज इन्फोटेक के नाम से लैब खोली हुई थी। इनसे भर्ती के समय पेपर हैक करवाने और भर्ती के रुपयों में कमीशन देने की बात हुई थी। आरोपी सुरेश पेपर देने के लिए बुलाए गए सीटरों को दिल्ली से गाड़ी में बैठाकर लाता था। 23 अप्रैल को पुलिस ने आरोपी बलवान वासी मकड़ोली कलां थाना सदर रोहतक को गिरफ्तार किया। 24 अप्रैल को पुलिस ने आरोपी प्रेमचंद वासी खोरड़ा हाल वार्ड न. 16 रोहतक चौक चरखी दादरी को गिरफ्तार किया।

आरोपी गुरुकुल एकेडमी चरखी दादरी में बच्चों की आर्मी के फिजिकल के लिए तैयारी करवाता था। आरोपी ड्यूटी वालों से सेटिंग करते थे। 24 अप्रैल को पुलिस ने अनिल भास्कर वासी नारायणपुर सुतिहार जिला छपरा को गिरफ्तार किया।  आरोपी अन्य के साथ मिलकर पैसे लेकर बच्चों को सरकारी विभागों में नौकर लगवाने का काम करता था।

पुलिस ने इस मामले में एक आरोपिता सरिता वासी भैहनी चंद्रपाल थाना महम हाल आबाद शास्त्री नगर रोहतक को गिरफ्तार किया गया, जिससे पूछताछ में पता लगाया कि उन्होंने दीक्षा डिफेंस एकेडमी रोहतक में खोल रखी है और आरोपी नरेश, अनिल भास्कर व प्रेमचंद भर्ती करवाने के सिलसिले से उनकी एकेडमी पर आते रहते थे। इनकी कृष्ण लैब पर ऑनलाइन भर्ती के पेपर होते थे।

पुलिस ने मामले में हरियाणा पुलिस की भर्ती के समय बच्चों के फॉर्म वगरैह और आधार कार्डों में एडिटिंग करने वाले आरोपी दीपक वासी बडराई थाना झोझू कलां को 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया। पुलिस ने 26 अप्रैल को आरोपी जगदीश वासी तालु भिवानी की गिरफ्तार किया। आरोपी भर्ती के लिए बाहर से आए हुए सीटरों को रेलवे स्टेशन से लाता था और भर्ती सेंटरों पर छोड़कर आता था।

इस मामले में पुलिस ने एक सीटर को भी गिरफ्तार किया, जो पेपर में दूसरे के स्थान पर बैठता था और बदले में पैसे लेता था, जिसकी पहचान राकेश उर्फ पटेल निवासी पांची शेखपुर बिहार के रूप में हुई। आरोपी रेलवे विभाग में टेक्नीशियन के पद पर लगा हुआ है। मामले में पुलिस ने लैब में फिंगर प्रिंट बदलने वाले आरोपी प्रदीप वासी भीलवाड़ा अटेली को गिरफ्तार किया।

आरोपी को हरियाणा पुलिस भर्ती में फिंगर प्रिंट बदलने के लिए कमीशन मिला था, लेकिन आरोपी फिंगर प्रिंट चेंज नहीं कर सके। पुलिस ने मामले में सीटर उपलब्ध करवाने वाले आरोपित गोपाल वासी आरा थाना नवादा जिला भोजपुर को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। एक मई को गिरफ्तार आरोपी संदीप वासी जसौर खेड़ी थाना सदर बहादुरगढ़ और हरविंद्र उर्फ हैप्पी वासी कबूलपुर रोहतक को गिरफ्तार किया गया। आरोपी बच्चों को फर्जी तरीके से सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का काम करते थे।

मामले में गिरफ्तार आरोपिता सीमा वासी शास्त्री नगर रोहतक एकेडमी के अकाउंट का काम देखती थी और भर्ती के लिए आए हुए रुपयों को वेस्टीज व क्रिप्टोकरेंसी इत्यादि में लगाती थी। फिंगर प्रिंट बदलवाने का काम देखने वाले आरोपी जुगल किशोर वासी नीमगांव थाना गोरधन मथुरा को भी पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किया।

7 मई को पुलिस ने आरोपित राजेश वासी मेघपुर थाना पचेरी को गिरफ्तार किया। आरोपी से हरियाणा पुलिस भर्ती में फिंगर प्रिंट बदलने के संबंध में बात हुई थी। आरोपी मामले में फिंगर प्रिंट बदलवाने के काम को देख रहा था। पुलिस ने 7 मई को भर्ती के नाम पर पैसे दिलवाने वाले एक ओर आरोपी श्रीनिवास वासी बेरी को गिरफ्तार किया गया था।

9 मई को पुलिस ने एक ओर आरोपित नितिन वासी कलवाड़ी कनीना को गिरफ्तार किया है। आरोपी डीसी ऑफिस पंचकूला में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने मामले में अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट बदलवाने के पैसे लिए थे।