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UPSC Result: दूसरे प्रयास में बन गए थे उच्च अधिकारी,तीसरी बार फिर दी परीक्षा और आई 34वीं रैंक

 UPSC Result:UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 के सोमवार को जारी किए गए परिणाम में दादरी जिले के गांव पैंतावास खुर्द निवासी 26 वर्षीय शाश्वत सांगवान (Shaswat Sangwan) ने 34वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र व परिवार का नाम रोशन किया है। शाश्वत सांगवान ने तीसरे प्रयास (Third Attempt) में यह सफलता प्राप्त की है। इससे पहले उन्होंने सिविल सेवा  (Civil Service)परीक्षा-2020 में भी भाग लिया था। इस परीक्षा के परिणाम में शाश्वत को 320वीं रैंक मिली थी।

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shashwat of haryana secured 34th rank in UPSC
 

UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 के सोमवार को जारी किए गए परिणाम में दादरी जिले के गांव पैंतावास खुर्द निवासी 26 वर्षीय शाश्वत सांगवान (Shaswat Sangwan) ने 34वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र व परिवार का नाम रोशन किया है। शाश्वत सांगवान ने तीसरे प्रयास (Third Attempt) में यह सफलता प्राप्त की है। इससे पहले उन्होंने सिविल सेवा  (Civil Service)परीक्षा-2020 में भी भाग लिया था। इस परीक्षा के परिणाम में शाश्वत को 320वीं रैंक मिली थी। जिसके बाद उनका चयन इंडियन डिफेंस एस्टेट्स सर्विस, आइडीईएस में बतौर चीफ कंटोनमेंट आफिसर के पद पर हुआ था। लेकिन उनका सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना था। जिसके चलते उन्होंने आइडीईएस के तहत दिल्ली कैंट में ट्रेनिंग के दौरान भी अपनी तैयारी जारी रखी। कड़ी मेहनत, लग्न की बदौलत उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में 34वां रैंक हासिल कर बड़ी सफलता हासिल की है।

2018 में की थी बीटेक

शाश्वत के पिता डा. सतीश सांगवान ने बताया कि शाश्वत की शुरूआती पढ़ाई दिल्ली के आरके पुरम स्थित डीपीएस स्कूल से हुई थी। उसके बाद शाश्वत ने वर्ष 2018 में बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बताया कि बीटेक करने के बाद शाश्वत ने कुछ समय के लिए आइटी सेक्टर में नौकरी भी की। शाश्वत सांगवान पिछले काफी समय से परिवार के साथ दिल्ली के द्वारका में रहते हैं। उनके दादा स्व. दयानंद सांगवान भारतीय वायुसेना में अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए थे। शाश्वत के पिता सतीश सांगवान व माता ललिता सांगवान, दोनों ही पेशे से चिकित्सक हैं। शाश्वत की बहन अर्शिया सांगवान व चचेरी बहन ईरा सांगवान फिलहाल एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। शाश्वत की इस उपलब्धि के बाद उनके गांव में भी खुशी का माहौल बना हुआ है।

दो बार नही मिली कामयाबी

शाश्वत सांगवान का कहना है कि जब वह बिट्स पिलानी में बीटेक कर रहा था, उस समय उसके सीनियर्स सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते थे। सीनियर्स से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने सबसे पहले कालेज में पढ़ाई के दौरान बिना किसी तैयारी के ही सिविल सेवा परीक्षा दी। लेकिन इसमें उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2020 में फिर से सिविल सेवा परीक्षा में भाग लिया। इस परीक्षा में अधिक रैंक मिलने पर वे संतुष्ट नहीं थे। जिसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान ही और कड़ी मेहनत की और अब उन्हें यह सफलता मिली है।