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Afganistan में 10 गुना हुआ भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा,देश में नहीं है कोई रेस्क्यू फोर्स

 Afghanistan Earthquakeअफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत में बुधवार तड़के आए शक्तिशाली (strong earthquake ) भूकंप में करीब 3200 लोगों (3200 dead) की मौत हो गई है जबकि 1000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं पर यह 2002 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप (devastating earthquake0 है, जब 6.1 तीव्रता के भूकंप में करीब 1,000 लोगों की मौत हो गई थी

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The death toll in the earthquake in Afganistan increased

 

Afghanistan Earthquakeअफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत में बुधवार तड़के आए शक्तिशाली (strong earthquake ) भूकंप में करीब 3200 लोगों (3200 dead) की मौत हो गई है जबकि 1000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं पर यह 2002 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप (devastating earthquake0 है, जब 6.1 तीव्रता के भूकंप में करीब 1,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 1998 में अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी इलाके में 6.1 की तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 4500 लोग मारे गए थे. अफगानिस्तान में इस भीषण तबाही के बाद भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है.इतनी तबाही के बाद अब सबसे बड़ी समस्या ये है कि अफगानिस्तान के पास कोई रेस्क्यू टीम नहीं है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘भारत, अफगानिस्तान में आए भयावह भूकंप के पीड़ितों एवं उनके परिवारों तथा इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों के प्रति शोक एवं सहानुभूति प्रकट करता है.’ उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा को साझा करते हैं और इस जरूरत की घड़ी में उन्हें सहायता एवं समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं.

यूएई ने दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त और पक्तिका प्रांतों में आए शक्तिशाली भूकंप के पीड़ितों पर अफगान लोगों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय (MoFAIC) ने अफगान लोगों और इस त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की. इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

आपदा देश पर ऐसे समय में आई है, जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के देश को अपने नियंत्रण में लेने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली है. इस स्थिति के कारण 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश में बचाव अभियान को अंजाम देना काफी मुश्किल भरा होने का अंदेशा है